अयोध्या केस: 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी होने की सुप्रीम कोर्ट को उम्मीद, पढ़ें 10 खास बातें
अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को कहा कि अयोध्या मामले (Ayodhya Case) से संबद्ध पक्ष यदि इसे मध्यस्थता के जरिए सुलझाना चाहते हैं, तो वे अब भी ऐसा कर सकते हैं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि उसे उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफ एम आई कलीफुल्ला का पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि कुछ पक्षों ने उन्हें मध्यस्थता प्रक्रिया पुन: आरंभ करने के लिए पत्र लिखा है.
कलीफुल्ला ने मामले में तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल की अगुवाई की थी. पीठ ने कहा कि भूमि विवाद मामले में रोजाना के आधार पर कार्यवाही बहुत आगे पहुंच गई है और यह जारी रहेगी. हालांकि अदालत ने कहा कि न्यायमूर्ति कलीफुल्ला की अगुवाई में मध्यस्थता प्रक्रिया अब भी जारी रह सकती है और उसकी कार्यवाही गोपनीय रखी जाएगी.
– अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 26वें दिन की सुनवाई हुई.
– CJI रंजन गोगोई ने सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी होने की उम्मीद जताई.
– मुस्लिम पक्षकारों के मुताबिक 27 सितंबर तक अपनी बहस पूरी कर लेंगे.
– रामलला विराजमान ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए 2 दिनों का वक्त चहिये.
– सुनवाई के बाद जजमेंट लिखने के लिए जजों को चार हफ्तों का वक्त मिलेगा.
– मध्यस्थता शुरु होती है तो जरूरी नहीं कि 18 अक्तूबर तक पूरी हो.
– पैनल इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले भी दाखिल कर सकता है.
– अगर समझौता हो जाता है तो इसे संविधान पीठ को भेजना होगा.
– पीठ मामले में आदेश जारी करेगा और समझौते पर मुहर लगाएगा.
– 17 नवंबर तक फैसला आ सकता है.
– चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई इसी दिन (17 नवंबर) रिटायर भी होंगे.
CJI रंजन गोगोई को उम्मीद- 17 नवंबर तक तय हो जाएगा अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या नहीं:-
अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 26वें दिन की सुनवाई हुई. इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि सभी को संयुक्त प्रयास करना होगा और पक्षकार समझौता कर अदालत को बताए. इस केस की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी होने की उम्मीद भी जताई. 27 सितंबर तक मुस्लिम पक्षकार अपनी बहस पूरी कर लेंगे. मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से राजीव धवन ने कहा, ”अगले हफ़्ते तक हम अपनी बहस पूरी कर लेंगे.” इस पर CJI ने कहा, ”आप अपनी बहस इस महीने तक पूरी कर लेंगे.” इस पर रामलला विराजमान ने कहा कि उन्हें जवाब देने के लिए 2 दिनों का वक्त चहिये.
CJI ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि हम अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर लेंगे. इसके लिए हम सभी को संयुक्त प्रयास करना होगा. इसके बाद जजमेंट लिखने के लिए जजों को चार हफ्तों का वक्त मिलेगा.” सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ”अगर पक्षकार इस मामले को मध्यस्थता समेत अन्य तरीके से सैटल करना चाहते हैं तो कर सकते हैं. पक्षकार समझौता कर अदालत को बताएं.”
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ”मध्यस्थता को लेकर पैनल का पत्र मिला. अगर पक्ष आपसी बातचीत कर मसले का समझौता करना चाहते है तो कर के कोर्ट के समक्ष रखे. मध्यस्थता कर सकते है. मध्यस्थता को लेकर गोपनीयता बनी रहेगी.”
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि इस दौरान सुनवाई चलती रहेगी. सुनवाई काफी आगे तक बढ़ चुकी है इसलिए सुनवाई भी चलेगी. यानी 17 नवंबर तक फैसला आएगा. बताते चले कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई इसी दिन रिटायर भी होंगे.