कभी कॉलेज में दाख़िला के लिए रोया आज है फ़ोर्ब्स की लिस्ट में शामिल
तीर्थक साहा – आजकल भारत कितना आगे बढ गया है इस बात का अंदाजा इसे लगाया जा सकता है कि अब दूसरे देशो की ही तरह ही भारतीय लोग भी कम उम्र में ही दुनियाभर में नाम कमा रहे हैं।
जिसे पूरे विश्व में हमारे देश की वाहवाही हो रही है ।
दुनिया की प्रसिद्ध और नंबर वन मैगजीन भी इस बात को कबूल करती है । जिस वजह से भारत के कई उद्योगपतियो, सेलिब्रिटीज का नाम फोर्ब्स की लिस्ट में दर्ज है । फोर्ब्स मैगजीन दुनियाभर रिसर्च के बाद अपनी लिस्ट जारी करती है जिस वजह से फोर्ब्स मैगजीन में नाम आना किसी भी इंसान के लिए तो गर्व की बात है ही साथ ही उसके देश के लिए भी गर्व की बात है।
फोर्ब्स अमेरिकन बिजनेस मैगजीन है जिसमें मार्क जुकेरबेर्ग और मलाला युसुफजई के नाम दर्ज है। और हाल ही में दिल्ली के एक लङके के नाम को भी फोर्ब्स 30 में जगह मिली है। और ये लङका कोई सेलिब्रिटी, उद्योगपति, राजनेता नही है। आप सोच रहे होंगे कि जब ये लङका कोई बङा नाम ही है तो फोर्ब्स में इस लङके का नाम कैसे शामिल हुआ ।
किसलिए चुना गया उन्हें फोर्ब्स के लिए:-
फोर्ब्स अंडर 30 के सर्वोच्च 30 में अपना नाम दर्ज करवाने वाले 25 वर्षीय तीर्थक फिलहाल अमेरिका के इंडियाना में अमेरिकन इलेक्ट्रिक पावर(एईपी) नामक कंपनी के लिए काम करते हैं।यह कंपनी अमेरिका के 11 राज्यों के 54 लाख लोगों को बिजली उपलब्ध करवाती है।
तो हम आपको इस लङके का नाम तीर्थक साहा है और तीर्थक का नाम फोर्ब्स मैगजीन में नाम उनकी ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतरीन रिसर्च के लिए इनवेटर लिस्ट में जारी किया गया है।
फोर्ब्स 30 में नाम दर्ज कराने के लिए 15000 हजार नामांकन भरे गए थे । जिनमें दुनियाभर के कई बेहतरीन लोगों के नाम शामिल थे जिन्हे पछङा कर तीर्थक ने अंतिम चरण में जगह बनाई । और फोर्ब्स की टाॅप 30 लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाने में कामयाब रहे ।फोर्ब्स इतनी कम उम्र में नाम आने के बाद तीर्थक के परिवार वाले बहुत खुशी है। हालांकि तीर्थक ने सिर्फ अपने घरवालों का ही नही देश का नाम भी रोशन किया है।
तीर्थक साहा का जन्म दिल्ली में हुआ और दिल्ली में ही बढे हुए हैं। तीर्थक साहा ने दिल्ली के सेंट कोलंबिया स्कूल से पढाई की है। तीर्थक साहा पहले इंजीनियरिंग करने की बजाय स्कोलोजिस्ट की पढाई करना चाहते थे लेकिन कम नंबर के चलते उन्हें डीयू में एडमिशन नही मिला। जिस वजह से उन्होंने पावर एनर्जी का कोर्स चुना । पढाई पूरी करने के बाद 2013 में तीर्थक यूएस चले गए थे। इन दिनों तीर्थक साहा अमेरिका की एईपी ( अमेरिकन इलेक्ट्रिक पाॅवर ) नाम की कंपनी में काम करते हैं। तीर्थक साहा अभी सिर्फ 25 साल के है और इतनी कम उम्र में तीर्थक साहा ने पावर जर्नरेसन पर काम की वजह से ये जगह पाई है ।
Incredibly honored and immensely happy to announce that I have been awarded a spot on the 2018 @Forbes #30Under30 list in the Energy category!
A big congratulations to all my fellow Under 30 peers! pic.twitter.com/ugc13aDXLm
— Tirthak Saha (@TirthakSaha) November 14, 2017
फिलहाल तीर्थक साहा अमेरिका के इंडियाना शहर में रहते हैं:-
तीर्थक साहा के माता पिता दोनो ही सरकारी नौकरी में है । तीर्थक साहा के पिता दिल्ली के सरकारी स्कूल में अध्यापक में और मां पोस्टल डिर्पाटमेंट में कर्मचारी है । तीर्थक का परिवार दिल्ली के दारका इलाके का रहने वाला है। इतनी बङी कामयाबी पर तीर्थक का कहना है कि ” ये अद्भुत और गौरवान्वित महसूस करने वाली बात है तीस से भी कम उम्र में इतनी बङी कामयाबी पाना एक बङी उपलब्धि है ।”
साहा जैसे भारतीय विश्व में अपने काम से भारत को अलग पहचान दे रहे हैं। वैसे आपको बता दें बाॅलीवुड से हाॅलीवुड गई एक्ट्रेस प्रियंका चोपङा को भी फोर्ब्स मैगजीन की दुनिया की 100 सबसे अमीर महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है। लेकिन तीर्थक ऐसे पहले भारतीय है जिनका नाम पावर रिसर्च में इतनी कम उम्र में जगह मिली है। जो भारत के लिए गर्व की बात है।
किस्मत भी क्या खेल खेलती है. कभी किसी को फलक से उठाकर ज़मीन पर पटक देती है तो कभी ज़मीन से उठाकर आसमान में बिठा देती है. कभी हम जिस चीज़ के लिए तरसते हैं, भविष्य में उससे भी उम्दा चीज़ हमारा इंतज़ार कर रही होती है. इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें किस्मत के आगे झुकना पड़ता है और लाख मेहनत करने के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिलती, एल्किन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी किस्मत दोनों हाथ फैलाए उनका इंतज़ार करती है.
एक माध्यम वर्ग का लड़का जिसके पापा स्कूल में बांग्ला पढ़ते हों और माँ पोस्ट ऑफिस में काम करती हो, उस लड़के के सपने बहुत छोटे हों कह नहीं सकते. वो लड़का भी आसमान के ख्वाब संजो सकता है. वो लड़का भी ये सोच सकता है कि उसे लम्बी उछाल लगाने है या आसमान में पंछियों की तरह उड़ना है.
एक ऐसे ही लड़के की कहानी आज हम आपको बता रहे हैं. नाम है तीर्थक. बारहवीं के बाविद्यालय द उसने सपन देखा कि उसका दाखिला दिल्ली विश्वविद्यालय में हो जाए, लेकिन मार्क्स कम होने के नाते उसका एडमिशन नहीं हो पाया. उसे बहुत दुःख हुआ, लेकिन वो इस दुःख से निराश नहीं हुआ और वो तुरंत अपनी पढ़ाई दूसरे यूनिवर्सिटी से शुरू कर दिया. तब उस लड़के को नहीं पता था कि आज जिस कम नम्बर की वजह से उसे एडमिशन नहीं मिला है कल वही नम्बर उसे दुनिया के चुनिन्दा लोगों में शामिल कर देंगे. कल वो नम्बर मार्कशीट पर थे, लेकिन आज ये नम्बर फ़ोर्ब्स मैगज़ीन पर हैं. अमेरिकन इलेक्ट्रिक पॉवर (एईपी) में काम करने वाले तीर्थक को इस साल फोर्ब्स मैगजीन ने 30 अंडर 30 लिस्ट में शामिल किया है. बता दें कि 30 अंडर 30 लिस्ट में युवा एंटरप्रेन्योर्स, गेम चेंजर्स, इनोवेटर्स का नाम शामिल किया जाता है, जिसमें तीर्थक का नाम भी शामिल है. तीर्थक को 15000 नामांकन में से चुना गया है और इसे एनर्जी कैटेगरी में जगह दी गई है.
२०१७ की फ़ोर्ब्स की सूची में, जिसमें दुनिया भर के चुनिन्दा युवाओं को लिया जाता है. उसमें १५ हज़ार युवाओं को पीछे छोड़ तीर्थक ने जगह बनाई है. आज तीर्थक अमेरिकन कंपनी के लिए काम करते हैं दुनियाभर के युवाओं को सन्देश देते हैं की अपनी सफलता की कहानी पडोसी, रिश्तेदार और दोस्तों के मुंह से नहीं बल्कि खुद सुनिए और लोगों को सुनाइए. जिस फील्ड में करियर बनाना हो उसी में बनाइए. आप अपना करियर उसी में बनाइए, जिसमें आपका मन हो. उसी दिशा में आगे बढ़िये जिसमें आपका दिल और दिमाग दोनों आगे बढ़ने को कहे.
तीर्थक की ये कहानी सुनकर हर युवा को अपने बारे में सोचना चाहिए और ये निश्चित कर लेना चाहिए कि उन्हें उड़ान भरने से अगर कोई रोक सकता है तो वो खुद हैं, वरना आगे बढ़ने के लिए हर रास्ता पुकारता है.
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