कुशीनगर:सांसद विजय दूबे को जमानत, पूर्व विधायक शंभू चौधरी को जेल
कुशीनगर:विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए ने अलग-अलग मामलों में न्यायालय में पेश हुए सांसद विजय दूबे को अंतरिम जमानत दे दी, जबकि पूर्व विधायक एवं सपा नेता शंभू चौधरी को जेल भेज दिया। इस दौरान गो सेवा समिति के उपाध्यक्ष अतुल सिंह भी अलग-अलग मामलों में दर्ज दस मामलों में न्यायालय के समक्ष पेश हुए।
एक साथ तीन नेताओं के न्यायालय में पेशी के दौरान न्यायालय परिसर में गहमा-गहमी बनी रही। वर्ष 2009 में रामकोला थाने में दर्ज सरकारी कार्य में बांधा डालने, बिना अनुमति सड़क जाम करने आदि धाराओं में विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए ने पिछले महीने सांसद विजय कुमार दूबे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इस सिलसिले में सांसद बीते 30 सितंबर को न्यायालय में री-काल कराने पहुंचे तो न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने उन्हें तीन घंटे तक न्यायालय परिसर में कस्टडी में रखा और बाद में 5 अक्टूबर को पेशी की तिथि निर्धारित कर उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी।
वर्ष 2012 में खड्डा थाने में दर्ज हत्या के प्रयास, लूट समेत अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे में पूर्व विधायक एवं सपा नेता शंभू चौधरी के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। शनिवार को ही सांसद के साथ ही पूर्व विधायक भी न्यायालय में पेश हुए। न्यायाधीश ने दोनों नेताओं को करीब दो घंटे तक कस्टडी में रखा। इसके बाद सांसद को 15 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत दे दी जबकि पूर्व विधायक शंभू चौधरी को जेल भेज दिया।
गो सेवा समिति के उपाध्यक्ष अतुल सिंह भी हुए पेश
जिला अपर एवं सत्र न्यायालय में अपने उपर दर्ज 10 मुकदमों के सिलसिले में गो सेवा समिति के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक यशवंत सिंह उर्फ अतुल सिंह भी शनिवार को न्यायालय में पेश हुए। वर्ष 2007 में रामकोला, 2007 व 2009 में कोतवाली पडरौना, 2007 में कप्तानगंज तथा 2012 व 2015 में हाटा कोतवाली में दर्ज विभिन्न धाराओं के मुकदमें की पेशी पर आये थे।
उन्होंने कहा कि उनके उपर जो भी मुकदमे दर्ज हैं, वे सभी हिदुत्व व विकास के लिए किए गए संघर्ष में पूर्ववर्ती सरकारों ने तुष्टीकरण की नीति के तहत दर्ज करवाया है। उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है और इस मुद्दे की लड़ाई अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे।
(Shambhu Chaudhary)
जमीन के झगड़े में हुई मारपीट और गोलीबारी में आरोपी हैं शंभू चौधरी
खड्डा कस्बे में नेहरू नगर और स्वामी विवेकानगर मोहल्ले में शंभू चौधरी ने पूर्व सांसद से लगभग तीन एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसको विभिन्न लोगों से बेच दी थी। इसी जमीन के रास्ते लोगों का आना जाना था। इससे मोहल्ले के लोग सामने आकर इसका विरोध करने लगे। अपने समर्थकों के साथ जमीन क्रय किए लोगो को कब्जा दिलाने आये पूर्व विधायक शंभू चौधरी व कस्बे के कुछ लोगों के साथ 16 मई 2012 को जमकर मारपीट व पत्थरबाजी की घटना हुई।
इसमें खड्डा के तत्कालीन थानाध्यक्ष यादवेन्द्र पाल ने पूर्व विधायक सहित दोनों पक्षों के 19 लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया। इस मामले में आठ लोगो को जेल भेज दिया था। आरोप है कि दूसरे दिन पूर्व विधायक की अगुवाई में पहुंचे कुछ लोगों ने फिर पत्थरबाजी करते हुए मोहल्ले के लोगों से मारपीट की। इस दौरान गोली भी चली। इस दौरान बीच बचाव करने पहुंचे पुलिस के जवान भी घायल हो गये।
इस घटना में पुलिस ने कप्तानगंज निवासी अशोक अग्रहरि, विनोद खरवार, शंकर चौधरी, विनोद गुप्ता, दिनेश यादव, गयासुद्दीन, छोटेलाल खरवार राजाराम चौधरी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करते हुए पूर्व विधायक को जेल भेज दिया था। तभी से यह मामला कोर्ट में चल रहा है।