कृषि कानूनों की आड़ में किसानों की जमीन हड़पने का षड्यंत्र;अखिलेश यादव

सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि शांतिपूर्ण अहिंसात्मक प्रदर्शन करना लोकतंत्र में लोगों का संवैधानिक अधिकार है.
लखनऊ |समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नए कृषि कानूनों को किसानों की जमीन हड़पने की साजिश का हिस्सा करार देते हुए मंगलवार को कहा कि देश के किसान इस बात को अच्छी तरह समझ रहे हैं।
अखिलेश ने ट्वीट किया कि आय दोगुनी करने का जुमला देकर कृषि कानून की आड़ में किसानों की ज़मीन हड़पने का जो षडयंत्र है वो हम खेती-किसानी करने वाले अच्छे से समझते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने किसान भाइयों के साथ हमेशा की तरह संघर्षरत हैं, जिससे एमएसपी, मंडी व कृषि की सुरक्षा करने वाली संरचना बची व बनी रहे।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल में पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान देश में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे विपक्षी दलों के दुष्प्रचार का परिणाम बताते हुए सोमवार को वाराणसी में कहा था कि किसानों के साथ हमेशा छल करने वाले लोग कृषि कानूनों के बारे में किसानों को बरगला रहे हैं।
किसानों का उत्पीड़न भाजपा को भारी पड़ेगा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि शांतिपूर्ण अहिंसात्मक प्रदर्शन करना लोकतंत्र में लोगों का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन भाजपा सरकार तो किसानों की बात सुनने के बजाय अपनी हठधर्मी पर जमी है. किसानों का यह उत्पीड़न भाजपा को भारी पड़ेगा.
उन्होंने निवेदन किया कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद शिक्षक स्नातक निर्वाचन में वोट देकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाइए और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को विजयी बनाइये।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की खंड स्नातक की 5 और खंड शिक्षक क्षेत्र की 6 सीटों के लिए आज मंगलवार को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होना है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने गांव सैफई पहुंचकर मतदान किया। इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि इस चुनाव का असर आगामी चुनावों पर जरूर पड़ेगा। उन्होंने किसानों को विपक्ष द्वारा बरगलाने के PM नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि, BJP के लोग बहुत ट्रेंड हैं। अगर दिल्ली में तय हो जाए तो वे लोग दिन को भी अंधेरा बोलते हैं। देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हाे रही है।

सोमवार को हमीरपुर के राठ विधानसभा क्षेत्र के मुस्करा गांव के किसानों से ‘किसान संवाद’ कार्यक्रम के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की।
उन्होंने कहा कि किसान अगर खुशहाल नहीं है, तो देश तरक्की नहीं कर सकता है। भाजपा राज में किसान दुखी है। भाजपा सरकार ने उसका भरोसा तोड़ा है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद किसानों के हाथ खाली हैं। उन्हें न तो मक्का व धान की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला और न ही उनकी आय दोगुनी हुई।
अखिलेश ने कहा कि कृषि सुधार कानून धोखा है। भाजपा ने भारत की बदनामी कराई है। किसान इस सरकार को हटाने के लिए तैयार है। लॉकडाउन में 90 मजदूरों के मरने पर सपा ने एक-एक लाख रुपये की मदद की।
उन्होंने हमीरपुर के ददरी में पूर्व प्रधान की हत्या का संज्ञान लिया और पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये की मदद दिलाने का आश्वासन दिया। किसान, जगमोहन, राम विलास शुक्ला ने नहरों में पानी नहीं आने और आवारा पशुओं की समस्या बताई। अन्य किसानों ने भी समस्याएं बताईं।