कौन हैं यह 5 जज जो देंगे राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई. अब इस मामले पर फैसला आने का इंतजार है. मामले की सुनवाई करने वाली बेंच (पीठ) के अध्यक्ष चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट के नियमों के तहत इससे पहले फैसला आना तय है. 16 नवंबर को शनिवार है और 17 नवंबर को रविवार है. ऐसे में फैसला 15 नवंबर से पहले आ सकता है. पांच जजों की बेंच में रंजन गोगोई, एसए बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं. आइए जानते हैं कौन हैं यह 5 जज जो देंगे राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर फैसला.
रंजन गोगोई : असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशव चंद्र गोगोई के बेटे न्यायमूर्ति रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर’54 को हुआ था. रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा अर्जित की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास के छात्र रहे. रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था. उन्होंने संवैधानिक, कराधान और कंपनी मामलों में गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकालत की. उन्हें 28 फरवरी’01 को गुवाहाटी हाई कोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. 9 सितंबर’10 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में तबादला किया गया था. उन्हें 12 फरवरी’11 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. वह 23 अप्रैल’12 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त किए गए.
शरद अरविंद बोबडे : शरद अरविंद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल’1956 को नागपुर में हुआ था. उनके पिता का नाम अरविंद श्रीनिवास बोबडे है. शरद अरविंद ने नागपुर विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी डिग्री ली है. मौजूदा समय में वो सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज हैं. शरद अरविंद बोबडे अपर न्यायाधीश के रूप में 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट की खंडपीठ का हिस्सा बने. 16 अक्टूबर’12 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. 12 अप्रैल’13 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. उनका कार्यकाल 23 अप्रैल’21 में खत्म होने जा रहा है.
डीवाई चंद्रचूड़ : डीवाई चंद्रचूड़ ने सेंट स्टीफन कॉलेज नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी किया है. इसके साथ ही उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल, यूएसए से एलएलएम की डिग्री और ज्यूरिडिकल साइंसेज (एसजेडी) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. डीवाई चंद्रचूड़ को 13 मई’16 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया. चंद्रचूड़ 2013 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और बॉम्बे हाई कोर्ट के जज भी रहे हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ 1998 तक भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
अशोक भूषण : जस्टिस अशोक भूषण का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 5 जुलाई’56 को हुआ था. उनके पिता का नाम चंद्रमा प्रसाद श्रीवास्तव और माता का नाम कलावती श्रीवास्तव था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक अशोक भूषण ने साल 1979 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ही फर्स्ट डिवीजन में एलएलबी की डिग्री भी हासिल की. 9 अप्रैल’79 को वो उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में रजिस्टर्ड हुए और इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. साल 2001 तक वो वहां रहे. 24 अप्रैल’01 को वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज नियुक्त किए गए. 2014 में वो केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. 13 मई’16 को अशोक भूषण को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया.
एस अब्दुल नजीर : जस्टिस नजीर का जन्म 5 जनवरी’58 को कर्नाटक के कनारा में हुआ था. नजीर ने 18 फरवरी’83 में बेंगलुरु में कर्नाटक हाई कोर्ट में एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की. 12 मई’03 में उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया. 24 सितंबर’04 को कर्नाटक हाई कोर्ट में उन्हें स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया. फरवरी’17 में उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में प्रोन्नत किए गए. अब्दुल नजीर ने 2017 में ट्रिपल तलाक मामले की भी सुनवाई की थी.