क्या धरती पर फिर होगी दैत्याकार डायनासोर की वापसी? 7 करोड़ साल पुराने अंडे में मिला संरक्षित चूजा

चीन के गांगझू प्रांत में वैज्ञानिकों को डायनासोर का एक संरक्षित भ्रूण मिला है. वैज्ञानिकों का दावा है कि यह भ्रूण 6.6 करोड़ साल पुराना है, जो अंडे से निकलने की तैयारी में था. जानिए वैज्ञानिक नजरिए से यह जीवाश्म क्यों है इतना खास…
नई दिल्ली|क्या धरती पर एक बार फिर से लुप्त हो चुके दैत्याकार डायनासोर युग की वापसी होने वाली है और क्या हम जिन पक्षियों को देखते हैं, वो डायनासोर के वंशज हैं? वैज्ञानिकों को इन सवालों को लेकर बहुत ठोस जवाब सबूतों के साथ मिले हैं। वैज्ञानिकों के हाथ डायनासोर का एक ऐसा अंडा लगा है, जिसके अंदर डायनासोर का बच्चा दुर्लभ तरीके से संरक्षित है। वैज्ञानिकों ने जिस अंडे को खोजा है, उसके अंदर डायनासोर का बच्चा पूरी तरह से संरक्षित रखा हुआ है और डायनासोर और पक्षियों के बीच के संबंध का भी खुलासा कर रहा है।
A well-preserved dinosaur embryo has been found inside a fossilized egg that came from Ganzhou, Jiangxi Province in southern China and was acquired by researchers in 2000. https://t.co/aVdyJRaDUG pic.twitter.com/zTYbVSYTNU
— CBS News (@CBSNews) December 23, 2021
7 करोड़ साल पुराना जीवाश्म
मंगलवार को वैज्ञानिकों ने घोषणा की है कि, उन्होंने कम से कम 70 मिलियन वर्ष यानि करीब 7 करोड़ साल पहले के एक असाधारण रूप से संरक्षित डायनासोर भ्रूण की खोज की है। भ्रूण को मुर्गी की तरह अंडे से निकलने के लिए तैयार किया गया था। डायनासोर का ये दुर्लभ अंडा, टूथलेस थेरोपोड डायनासोर का जीवाश्म दक्षिणी चीन के गांझोउ में पाया गया था और इसका नाम चायनीज म्यूजियम के नाम पर ‘बेबी यिंगलियांग’ रखा गया है। इस म्यूजियम में ऐसे ही दुर्लभ जीवाश्मों को संरक्षित कर रखा जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि, डायनासोर के इस जीवाश्म से कई दुर्लभ रहस्यों से पर्दा हटेंगे।
कैसा दिखता है डायनासोर का अंडा
कनाडा में कैलगरी विश्वविद्यालय में भूविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डार्ला जेलेनित्स्की ने कहा कि, अंडे के अंदर जो बेबी डायनासोर मिला है, उसकी हड्डियां छोटी और नाजुक हैं और इस तरह के जीवाश्म का मिलना असंभव मालूम होता है और शायद हम भाग्यशाली हैं कि, हमें बेबी डायनासोर का जीवाश्म मिला है। जीवाश्म का इस तरह से संरक्षित होना असंभव जान पड़ता है। मंगलवार को इस बेबी डायनासोर के बारे में आईसाइंस मैग्जीन में रिपोर्ट प्रकाशित की गई है, जिसने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। इस रिसर्च को लिखने वाली सह लेखिका जेलेनित्स्की ने कहा कि, ‘यह एक अद्भुत नमूना है… मैं 25 वर्षों से डायनासोर के अंडों पर काम कर रही हूं और अभी तक ऐसा कुछ नहीं देखा है।’
डायनासोर को लेकर खुलेंगे कई राज
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर जेलेनित्स्की ने कहा कि, ‘अब तक, डायनासोर के अंडे के अंदर क्या चल रहा था, इसके बारे में बहुत कम जानकारी है, क्योंकि बेबी डायनासोर के शरीर में बहुत कम हड्डियां हैं और ऐसा लगता है कि, कि इसके जन्म से ठीक पहले का यह पॉजीशन है और अंडे के अंदर ये बिल्कुल ऐसा मिला है, जैसे इसे पूर्ण संरक्षित करके रखा गया था।’ सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, डायनासोर का अंडा लगभग 17 सेंटीमीटर (7 इंच) लंबा है और बेबी डायनासोर सिर से पूंछ तक 27 सेंटीमीटर (11 इंच) लंबा है। शोधकर्ताओं का मानना है कि एक वयस्क के रूप में अगर यह जीवित रहता, तो इसकी लंबाई करीब 2 से 3 मीटर लंबी हो सकती थी।
🥚 – Perfectly preserved 72-million-year-old dinosaur embryo has been discovered pic.twitter.com/0ZdIJd2kLp
— LADbible (@ladbible) December 22, 2021
कई देशों के वैज्ञानिक कर रहे रिसर्च
चीन में मिले डायनासोर के इस अंडे को लेकर चीन, ब्रिटेन और कनाडा के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं और बेबी डायनासोर के डिंबग्रंथि भ्रूणों की स्थिति का अध्ययन किया गया है। वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि, डायनासोर भी अपने अंडों को सेंकने के लिए पक्षियों की तरह ही व्यवहार करते थे और सेकने की प्रक्रिया से ही अंडे के अंदर बच्चों की स्थिति में परिवर्तन आता होगा। वैज्ञानिकों ने कहा कि, आधुनिक पक्षियों में इस तरह के परिवर्तन को टकिंग कहा जाता है, जो पक्षियों के नर्व सिस्टम से जुड़ा होता है।
Perfectly preserved dinosaur embryo found in China https://t.co/cCIaYYto2V
— BBC News (World) (@BBCWorld) December 21, 2021
अंडे को देख वैज्ञानिक हैरान
वहीं, इस रिसर्च को लिखने वाले मुख्य लेखक और ब्रिटेन के बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चर वैसम मा ने एक बयान में कहा कि, ‘ज्यादातर ज्ञात गैर-एवियन डायनासोर भ्रूण कंकालों (जोड़ों में अलग-अलग हड्डियों) के साथ अधूरे हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘हम इस भ्रूण को एक पक्षी जैसी मुद्रा में लेटे हुए एक डायनासोर के अंडे के अंदर खूबसूरती से संरक्षित देखकर हैरान थे। इस मुद्रा को पहले गैर-एवियन डायनासोर में मान्यता नहीं मिली थी।’
A BABY DINOSAUR PRESERVED IN AN EGG 🥚
LOOK: Scientists recently discovered a perfectly preserved dinosaur embryo inside a fossilized egg.
The baby dinosaur belonged to an oviraptorosaur and should have hatched roughly 70 million years ago in southern China. 📷: Lida Xing pic.twitter.com/OKmI4rhKZz
— Rappler (@rapplerdotcom) December 22, 2021
क्या डायनासोर के वंशज हैं पक्षी?
वैज्ञानिकों ने कहा कि, सभी पक्षी सीधे दो पैरों वाले डायनासोर के एक समूह से विकसित हुए हैं जिन्हें थेरोपोड के नाम से जाना जाता है, जिनके सदस्यों में विशाल टायरानोसॉरस रेक्स और छोटे वेलोसिरैप्टर शामिल हैं। प्री-हैचिंग व्यवहार ही एकमात्र ऐसा व्यवहार नहीं है जो आधुनिक पक्षियों को उनके डायनासोर पूर्वजों से विरासत में मिला है। रिसर्चर जेलेनित्सकी ने कहा कि, डायनासोर उसी तरह से अपने अंडों के ऊपर बैठते होंगे और उन्हें सेकते होंगे, जिस तरह से पक्षी अपने अंडों को सेंकते हैं।
LOOK: A perfectly preserved dinosaur embryo was discovered in China.
Examination of the egg has provided further evidence that modern birds evolved from the prehistoric creatures 🦖 pic.twitter.com/3rTyCLeA1S
— Bloomberg Quicktake (@Quicktake) December 22, 2021
बेहद दुर्लभ है डायनासोर का अंडा
वैज्ञानिकों ने कहा कि, जब उन्हें अंडा मिला था, तो उन्हें बिल्कुल नहीं लग रहा था कि, इसके अंदर बेबी डायनासोर पूरी तरह से संरक्षित अवस्था में हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि, ये डायनासोर अगर अपने अंडे से निकलता, तो शायद इसकी लंबाई 2 से 3 मीटर के बीच हो सकती थी और ये डायनासोर पौधों को खाकर पलने वाला था। वैज्ञानिकों ने कहा कि, उन्हें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि, अंडे के अंदर संरक्षित भ्रूण हो सकता है, लिहाजा उन्होंने अंडे के एक हिस्से को निकाल लिया था, जिसके बाद उन्होंने अंदर भ्रूण देखा। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीव ब्रुसेट ने एक बयान में कहा कि, ‘अंडे के अंदर का यह डायनासोर भ्रूण अब तक के सबसे खूबसूरत जीवाश्मों में से एक है।’
कैसे खत्म हुए होंगे डायनासोर?
वहीं, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाली वैज्ञानिकों की एक टीम ने ऐस्टरॉइड और डायनासोर के खत्म होने को लेकर चौंकाने वाला निष्कर्ष निकाला है। ये रिसर्च उस जगह पर किया गया है, जहां पर ऐस्टरॉइड की टक्कर पृथ्वी से हुई थी और ये जगह उत्तरी गोलार्ध में स्थिति है, जिसे तानिस जीवाश्म स्थल कहा जाता है। इस जगह पर हजारों जीवाश्म मिले थे और जिनके बारे में माना जाता है कि, उनकी मौत ऐस्टरॉइड के पृथ्वी से टकराने के बाद हुई थी। इस जगह को लेकर वैज्ञानिकों की अलग अलग टीम ने अलग अलग विश्लेषण किए हैं।
66 मिलियन साल पहले घटना
शोध में पता चला है कि, वन्यजीवों की मृत्यु 66 मिलियन वर्ष पहले युकाटन प्रायद्वीप में एक बड़े ऐस्टरॉइड के धरती पर टकराने के कुछ घंटे के अंदर हो गई थी। इस जगह पर मछलियों के जीवाश्म का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि, जिस वक्त पृथ्वी से ऐस्टरॉइड की टक्कर हुई होगी, उस वक्त धरती पर बसंत ऋृतु खत्म हो रहा था और गर्मी की शुरूआत हो रही थी। ये जगह आज के मैक्सिको के पास है, जहां धरती के अंदर हजारों जीवाश्म दफ्न हैं और ये सभी के सभी जीवाश्म सिर्फ डायनासोर के ही नहीं हैं, बल्कि इनमें विशालकाय मछलियों के जीवाश्म भी दफ्न हैं, जिनके विश्लेषण से अद्भुत जानकारियां वैज्ञानिकों के हाथ लग रही हैं। बड़े पैमाने पर विलुप्ति क्रेटेशियस और पुरापाषाण काल के बीच की सीमा को चिह्नित करती है, और उस समय जीवित 75 प्रतिशत प्रजातियों की मृत्यु हो गई।