चुनाव आयोग का बड़ा फैसला- सोशल मीडिया पर लागू होगी आचार संहिता
चुनाव आयोग फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अगले माह के अंत तक आचार संहिता लागू करेगा, ताकि देश की चुनावी प्रक्रिया को सोशल मीडिया के जरिए कोई प्रभावित नहीं कर सके। आयोग ने फेसबुक डाटा लीक मामला सामने आने पर आचार संहिता बनाने का निर्णय लिया था।
कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक डाटा से भारतीयों को चुनाव के दौरान प्रभावित करने के मामले में सरकार ने दोनों कंपनियों को फिर से नोटिस जारी किया है। जबकि चुनाव आयोग सोशल मीडिया की ऐसी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अगले दो सप्ताह में आचार संहिता को अंतिम रूप प्रदान कर देगा। इसके बाद कानून मंत्रालय से मशविरा करके इसे अगले माह तक लागू किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओपी रावत ने कहा कि मतदाता चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हो। इस संबंध में हरेक संभव कदम उठाने के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि आयोग आचार संहिता ला रहा है।
गोलमोल जवाब पर भेजा दूसरा नोटिस
रावत ने कैंब्रिज एनालिटिका मामले पर कहा कि सरकार कार्यवाही कर रही है, जबकि हम ठोस कदम उठा रहे हैं। आयोग की आचार संहिता के अनुपालन में सोशल मीडिया को यह भी स्पष्ट करना होगा कि उसके प्लेटफार्म पर भारतीय मतदाता के आंकड़े पूरी तरह सुरक्षित है और उनमें सेंधमारी की कोई संभावना नहीं है। आचार संहिता के लागू होने के बाद अगर कोई सोशल मीडिया प्लेटफार्म या उससे संबंध एवं समझौता करने वाला उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी आयोग द्वारा आचार संहिता तैयार किए जाने की सराहना की है। याद रहे कि कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा केंद्र सरकार के पहले नोटिस का गोलमोल जवाब दिए जाने के बाद उसे दूसरा नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया है।
उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा
आईटी मामलों के विशेषज्ञ रामानुज के मुताबिक आयोग आचार संहिता का अनुपालन नहीं करने या उनका उल्लंघन करने वाले सोशल मीडिया को देश में प्रतिबंधित करने का नियम तय कर सकता है। इसके अलावा विदेश में बैठकर भारतीयों को सेवाएं देने वाले सोशल मीडिया के खिलाफ और कोई कदम उठाना मुमकिन नहीं, क्योंकि भारत में डाटा संरक्षण की कोई नीति नहीं है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया अगर सवा अरब की आबादी वाले देश में अपने व्यवसाय को बरकरार रखना चाहेगा तो आयोग की आचार संहिता से किसी भी सूरत में खिलवाड़ नहीं करेगा। गौरतलब है कि डाटा लीक मामले में पहले नोटिस के जवाब में फेसबुक ने कहा था कि भारत के 5.62 लाख लोगों की सूचनाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन भारतीयों के फेसबुक डाटा के दुरुपयोग से उसने इनकार किया था। इसी वजह से सरकार ने एनालिटिका को दूसरे नोटिस में बिंदुवार पांच सवालों के स्पष्ट जवाब देने को कहा है।