ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू, हाउस स्पीकर ने की घोषणा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है. अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने के घोषणा की. हालांकि महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी हो भी जाएगी तो इसका रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट से पास होना मुश्किल है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदीमीर जेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वह ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करें. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है.
ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी हो जाती है तब भी रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट से पास होना मुश्किल है. डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति के पद से हटाने के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों की जरूरत होगी, जो अपने राष्ट्रपति का ही विद्रोह करें.
गौरतलब है कि पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाईडन 2020 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को टक्कर दे सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने माना है कि उन्होंने जेलेंस्की से बाईडन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उनपर जो आरोप लग रहे हैं वह गलत है.
अमेरिका में महाभियोग की प्रक्रिया:-
अमेरिका के संघीय सरकार की द्विसदनीय विधायिका को अमेरिकी कांग्रेस कहते हैं. सीनेट (Senate) और प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) इसके दो सदन हैं. अमेरिका के संविधान के अनुसार प्रतिनिधि सभा में बहुमत के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. राष्ट्रपति के अलावा असैन्य अधिकारी या फिर प्रांतीय सरकार के खिलाफ भी महाभियोग लाया जा सकता है. इनमें से किसी पर भी महाभियोग तब लाया जाता है जब उन पर देशद्रोह, घूस या फिर किसी बड़े अपराध में शामिल होने का शक हो.
अगर ऐसा होता है तो सदन की न्यायिक समिति इन आरोपों की जांच करती है. फिर रजामंदी होने पर आरोप तय किए जाते हैं. इन आरोपों पर सदन में वोटिंग होती है. अगर वोटिंग महाभियोग के पक्ष में होती है तो फिर आर्टिक्ल को सीनेट को सौंप दिया जाता है. फिर सीनेट कोर्ट की तरह काम करती है और यूएस के मुख्य न्यायाधीश इसकी अध्यक्षता करते हैं.
सुनवाई के लिए सीनेटर्स के बीच से एक मैनेजर तय किए जाते हैं. इस ट्रायल के दौरान आरोपी अपना पक्ष रखता है. दोनों पक्ष की सुनवाई पूरी होने के बाद सीनेट महाभियोग के हर आर्टिकल पर वोट करती है. इस वोटिंग में अगर दो तिहाई सदस्य आरोपी को दोषी मानते हैं तो दोष सिद्ध हो जाता है. फिर सीनेट उन्हें सजा दे सकती है.