बस्ती:पैकोलिया पुलिस ने एक सेवानिवृत्त 84 वर्षीय शिक्षक का शांतिभंग में चालान;आईजी ने दिए जांच के आदेश
बस्ती:पैकोलिया थाना क्षेत्र के धरहरा गांव निवासी साहबदीन विश्वकर्मा 1996 में उच्च प्राथमिक विद्यालय तेनुआ गौर से शिक्षक पद से रिटायर हुए हैं। चौबीस साल उन्हें पेंशन लेते हुए बीत गया। इस उम्र में पुलिस द्वारा शांतिभंग में पाबंद किए जाने से वह काफी दुखी हैं। बताते हैं कि तीन बेटों में सबसे बड़ा डॉ कमलेश कुमार राजकीय डिग्री कॉलेज महोना सीतापुर में शिक्षक है। दूसरा बेटा अनिल कुमार विश्वकर्मा जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज बाराबंकी में कार्यरत है तो तीसरा बेटा उमेश कुमार प्राइवेट इंटर कॉलेज में शिक्षक है। शादीशुदा दोनों बेटियां आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं। बताया कि 1997 से 2012 तक गांव के ही कुछ लोगों से 12 धुर जमीन को लेकर दीवानी का मुकदमा दीवानी न्यायालय बस्ती में चल रहा था। जो 2012 में ही समाप्त हो गया। मौजूदा समय पैकोलिया या अन्य किसी थाने में उनके नाम से कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। बावजूद 107/ 16 का मुलजिम बनाए जाने से पूरा परिवार स्तब्ध है।
गांव और चौराहों पर लोग तरह-तरह की बात कर रहे हैं। किसी के पूछने पर कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। सभी यही जानना चाहते हैं कि आखिर उम्र के आखिरी पड़ाव में मैंने ऐसा क्या अपराध कर दिया जिसकी सजा शांतिभंग में पाबंद कर दी गई। थाने पर कोई सुनवाई न होने पर निराश होकर शुक्रवार को आईजी रेंज आशुतोष कुमार से न्याय की गुहार लगाई।
84 साल के बुजुर्ग का 107/ 16 में पाबंद किया जाना काफी चौंकाने वाला कृत्य है। एसओ ने यह कार्य किन परिस्थितियों में किया और उनकी भूमिका की जांच करने का आदेश एसपी बस्ती को दिया गया है। रिपोर्ट मिलते ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
– आशुतोष कुमार, आईजी रेंज बस्ती