बस्ती: पुलिस की सक्रियता से बची युवक की जान,सुपारी सूटर सहित 4 गिरफ्तार
बस्ती |प्रेमिका की शादी तय होने से बौखलाए युवक ने उसके मंगेतर को मौत के घाट उतारने के लिए सुपारी दो शूटरों को दे दी। रविवार को अंबेडकरनगर में जाकर मंगेतर की हत्या का प्लान कामयाब होता, इसके पहले ही एसओजी व रुधौली पुलिस की सक्रियता से दोनों शूटर समेत इस साजिश को रचने वाले प्रेमी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस लाइन में एएसपी रवीन्द्र कुमार सिंह ने धरपकड़ का खुलासा करते हुए बताया कि छावनी थाने के अकला निवासी प्रफुल्ल सिंह ने अम्बेडकरनगर के एक युवक की हत्या के लिए 1.20 लाख रुपये की सुपारी शूटर हर्ष उपाध्याय निवासी कड़ही थाना रुधौली और आकाश पांडेय निवासी भीटा माफी थाना रुधौली को सुपारी दी थी। दोनों को 50 हजार रुपये एडवांस दिया गया था। शूटरों ने शहर कोतवाली के कटरा निवासी आकाश चौधरी की मदद से दो असलहा व कारतूस का प्रबंध किया।
रविवार की सुबह 20 हजार रुपये प्रफुल्ल ने शूटरों को और दिया, जबकि शेष रकम 50 हजार रुपये काम होने के बाद देने की बात तय हुई। गनीमत रही कि पुलिस को इसकी भनक लग गई। एसओजी की मदद से रुधौली पुलिस ने क्षेत्र के विशुनपुरवा चौराहे के पास से रविवार सुबह करीब सात बजे चारों को धर दबोचा। उनके कब्जे से दो तमंचा, चार कारतूस, दो बाइक, 20 हजार नकद और चार मोबाइल बरामद किया गया।

शादी तय होने के बाद रची हत्या की साजिश
एएसपी के अनुसार साजिशकर्ता प्रफुल्ल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसका क्षेत्र की एक करीबी युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन लड़की के घरवाले तैयार नहीं हुए। युवती की शादी घरवालों ने अम्बेडकरनगर के एक युवक से तय कर इसी साल की डेट भी फिक्स कर दी थी। इसकी जानकारी होने के बाद से प्रफुल्ल अपना आपा खो बैठा। उसने प्रेमिका के मंगेतर के हत्या की साजिश रची, ताकि उसकी शादी कहीं और न हो सके। इसके लिए रुधौली के रहने वाले हर्ष और आकाश को सुपारी दे दी। इन दोनों ने असलहे के लिए आकाश चौधरी की मदद ली। उसने 315 बोर व 12 बोर के दो तमंचे और चार कारतूस मुहैया कराए थे।
ब्लॉक प्रमुख का चचेरा भाई है प्रफुल्ल
प्रेमिका के मंगेतर की हत्या किए जाने की सुपारी देने वाला प्रफुल्ल जिले के एक ब्लॉक प्रमुख का चचेरा भाई है। गोरखपुर में एक प्राइवेट दवा कंपनी में एमआर का काम करता है। गिरफ्तारी के बाद से ही उसे छुड़ाने का काफी प्रयास हुआ लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे राजनीतिक रुतबा काम नहीं आया।