बस्ती: PMO आफिस तक पहुंची मनरेगा में हुए अनियमितता की शिकायत

शनिवार रात में कौड़ीकोल पहुंचकर डीसी मनरेगा और चार बीडीओ ने खंगाली पत्रावली, प्रारंभिक जांच कार्यों में मिली खामी
बस्ती | कप्तानगंज विकास खंड के कौड़ीकोल ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के नियम कायदे को ठेंगा दिखाकर एक परिवार के सात-सात सदस्यों ने तेरह जाब कार्ड बनवा लिया। परिवार के दो सदस्य तो ऐसे हैं जिन्होंने आफलाइन और आनलाइन दोनों ही तरीके से जाबकार्ड बनाए। इस तरह 13 जाबकार्ड पर कार्य दिखाकर एक लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितता की गई है।
यह रहस्य तब खुला जब कौड़ीकोल ग्राम पंचायत में लालता प्रसाद की ओर से की गई शिकायतों की जांच करने उपायुक्त श्रम एवं रोजगार और खंड विकास अधिकारी कप्तानगंज शिकायतों की जांच करने पहुंचे। इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर की गई है। जांच के दौरान मनरेगा के तहत जाबकार्ड के नाम पर चल रहा खेल उजागर होने के बाद अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। कौड़ीकोल निवासी रामकृष्ण के परिवार में एक की बजाए 13 जाब कार्ड पाया गया।
जाबकार्ड के इस खेल में बड़ी बात यह रही कि परिवार के मूल जाबकार्ड जो सबसे पहले इंद्रावती के नाम से बना था उससे भी परिवार के सभी सदस्य जुड़कर रोजगार प्राप्त करते रहे। इस परिवार में कुल 13 जाबकार्ड बनवाकर वित्तीय अनियमितता की गई। जांच के दौरान पूछताछ में पता चला कि अधिक काम की लालच ने परिवार के लोगों ने इतना जाबकार्ड बनवा लिया। प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक दोषी
घूरे प्रसाद ने 24 सितंबर को डीएम और सीडीओ को शिकायती पत्र देकर गांव में तैनात ग्राम विकास अधिकारी और प्रधान की मिलीभगत से विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा करके सरकारी धन के बंदरबांट, गांव के एक ही परिवार में 13 लोगों के नाम जॉब कार्ड बनवाने, विशेष लोगों के खाते में मनरेगा का धन भेजने, शौचालय और तालाब खुदाई के नाम पर बिना काम कराए ही रकम निकालने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे।
सीडीओ सरनीत कौर बोक्रा ने मामले को गंभीरता से लेते जांच का आदेश कराई थी। जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. विवेक और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता क्षितिज पांडेय ने मनरेगा के कार्यों की पांच बिंदुओं पर जांच की थी। जांच के दौरान मनरेगा की तकरीबन 300 मीटर एमबी फर्जी पायी गई। दूसरे ग्राम पंचायत में निजी तालाब के नाम पर मनरेगा का धन निकालने की बात सामने आई थी।
वहीं गांव के घूरे प्रसाद व लालता प्रसाद ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा दी। कार्यालय ने मामले को संज्ञान लिया। इसके बाद शनिवार को कप्तानगंज ब्लॉक पर डीसी मनरेगा सहित चार ब्लाकों के बीडीओ ने दोपहर बाद से रात तक करीब सात घंटे पत्रावलियों का अवलोकन किया। लोगों से बात की। इसके साथ ही अफसर शिकायत करने वाले घूरे प्रसाद और लालता प्रसाद से मिले।
डीसी मनरेगा इंद्र पाल सिंह यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र के बाद कौड़ीकोल गांव में मनरेगा के कार्यों की जांच की गई। इसमें कई महत्वपूर्ण तथ्यों का पर्दाफाश हुआ है। जिसे रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई है। जांच अभी चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट भेजी जाएगी।