बैंक घोटाले में आरोपी रोटोमैक के निदेशक को तत्काल राहत से इलाहाबाद हाईकोर्ट का इनकार
प्रयागराज|इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने साढ़े सात हजार करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में आरोपी रोटोमैक कंपनी के निदेशक राहुल कोठारी को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया है। साथ ही उनके सहयोगी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशक सुजॉय देसाई व उदय देसाई को भी राहत नहीं दी है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख लगाई है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने दिया है। तीनों को 20 मार्च को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने अर्जेंसी के आधार पर तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत की मांग को लेकर ऑन लाइन याचिका दाखिल की है। केंद्र सरकार की ऒर से सहायक सॉलीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने ई-मेल से जवाब दाखिल कर अर्जी का विरोध किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश के अनुसार तीनों पर 14 राष्ट्रीय बैंको से चार हजार और साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की देनदारी है। उन पर गलत दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से करोड़ों रुपयों का लोन लेकर के घोटाला करने का आरोप है। रोटोमैक कंपनी के खिलाफ इससे पूर्व सीबीआई भी इलाहाबाद बैंक से 36 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर चुकी है।
इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा से 456 करोड़ रुपये और फ्रॉस्ट इंटरनेशनल ने 3592 करोड़ रुपये की लोन धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि तीनों के खिलाफ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस कार्रवाई कर रहा है कोरोना वायरस संक्रमण और लॉक डाउन के आधार पर राहुल कोठारी ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की है, न्यायालय उनकी व देसाई बंधु की अर्जी पर 24 अप्रैल को सुनवाई करेगा।