भारत का भला कौन चाहता है?
भारत का भला कौन चाहता है?
पकड़कर देश की अदालत और अदालत के कटघरे में खड़ा करने वाले?
भारत का भला कौन चाहता है?
देश की जनता की आंखों में धूल झोंक कर अपने कुनबे का एनकेनप्रकारेण भला चाहने वाले
या देश सेवा के लिए अपने ही मांबाप भाई बहनों को त्याग कर
पूरे देश को अपना घर द्वारऔर अपना ही परिवार समझने वाले?
आप खुद बताइए भारत का भला कौन चााहता है?
देश के धन का बंदरबांट करके पतुरियों में लुटाने वाले या पतुरियों को
मारमार कर पतुरियों का कचूमर बनाने वाले?
आप खुद ही बताइए क्या सही है?
आप इक्कीसवीं सदी के पढे लिखे और सोचने समझने
की ताकत से भरपूर प्राणी हैं लेकिन मुझे आप पर तरस आता है
जिसकी तारीफ बिल गेट्स और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विश्वसनीय व्यक्तिव करते हैं
उन्हीं को आपके ही देश का एक खिच्ची आदमी यानी जिसका देश धर्म महज जोकर का खेल है
वह उसी हमारे नायक को चोर कहता है
और आप इस चोर की ही बात मानकर चलते हैं जो इस देश का असलियत में नागरिक तक नहीं है।
आप आज तक यह नहीं समझ पाए कि स्वार्थ के लिए चोर चोर मौसेरे भाई आज एक हो रहे हैं
और आप उन्हीं चोर चकार लोगों की लूट की योजना को सफल बना रहे हैं।
देश की जनता को आज यह बात बड़ी ही सिद्दत से सोचने की जरूरत है कि
भारत का भला कौन चाहता है?
क्या वह लोग जो बुलेट-ट्रेन का गला फाड़ फाड़ कर संसद से सड़क तक विरोध करते हैं
लेकिन कश्मीर पंडितों के बारे सारी सेकुलररिज्म
भूलकर रोहिंगा मुसलमानों को पालने पोसने के लिए बेताब रहते हैं?
भारत का भला कौन चाहता है?
क्या वह लोग जो जीएसटी को अपनी बर्बादी का कारण तो मानते हैं
लेकिन कभी जनसंखया वृद्धि पर एक शब्द भी बोलना ठीक नहीं समझते?
भारत का भला कौन चाहता है?
क्या वह जो अपने अपने जन्म दिनों पर पतुरिया नाच कराते हैं या
जो अपने जन्म दिन को भारतीय सैनिकों के साथ
उनका दुख सुख बांटने के लिए बार्डर पर भी चले जाते हैं?
भारत का भला कौन चाहता है? क्या वे लोग जो जो बच्चों के बाप होकर
इस देश को टैक्स देते हैं या फिर वह लोग जो आठ-दस बच्चों के बाप जो शान से सब्सिडी लेते हैं
और प्रधान से प्रधानमंत्री तक के चुनावों में प्रत्याशी से पैसा ऐंठना
अपना जन्म सिद्ध अधिकार मानते हैं।
आइए इस पर विचार करें
देश का भला कौन चाहता है?
क्या वे जो भगतसिंह के लिए बेहद दुखी हैं या वे लोग जो लाखों देश भक्त
भारतीयों के बलिदान के बल पर मिली आजादी को
अपने परिवार और चमचों से दूर जाने ही नहीं देना चाहते हैं?
आप खुद विचार करिए कि देश का भला कौन चाहता है?
महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की मौत को खेल बना देने वाले या
भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए तड़पने वाले?
आप बताइए देश का भला कौन चाहता है? राजीव गांधी और इंदिरा गांधी को
भारत रत्न का सम्मान बाबा साहब भीम राव
अम्बेडकर और सुभाष चंद्र बोस से भी पहले देने वाले या देर से ही सही
इन महान सपूतों को अंतत: इनका अधिकार इन्हें हस्तगत करने वाले?
आप ही बताइए देश का भला कौन चाहता है?
महात्मा गांधी की हत्या हो जाने के बाद भी एक औपचारिक एफ आई आर तक न लिखाने वाले,
लाल बहादुर शास्त्री की इतनी दुखद और अप्रत्याशित मौत की जांच तक कराने की
जहमत न उठाने वाले या रात में देश के दुश्मन
आतंकियों की फांसी टालने की गरज से आधी रात में
कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले दगाबाज पार्टी बाज?
आप बताईये भारत का भला कौन चाहता है?
क्या वह जो चीन की धमकी से चीन के पास तक पहुंचने की हिम्मत न रखने वाले या
वह लोग जो चीन की नाक में दम करके चीन के ही करीब
डोकलाम में अपनी इच्छा शक्ति का जमकर डंका बजाने वाले?
आप यह भी सोचकर बताइए
भारत का भला कौन चाहता है?
देश के टुकड़े टुकड़े को समेट कर पूरे देश को एक बनाने वालों का सम्मान करने वाले या
भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाने वालों की सेवा में अपना
तन मन धन सब कुछ समर्पित करने वाले?
भारत का भला कौन चाहता है?
आप ही बताइए असफाक उल्ला खां वीर अब्दुल हमीद,
मिसाइल मैन डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को सच्चा देश भक्त मानकर
उनकी चरण बंदना करने वाले या वह जो हाफिज सईद को अपना हितैषी सिद्ध करते हैं?
या कश्मीरी अलगाव वादियों को भारत की जनता की गााढ़ी कमाई का पैसा बांटने वाले?
या फिर भारत का भला कौन चाहता है?
विश्व के नामचीन जिनका समर्थन करते हैं या फिर जिनका समर्थन
हमारा दुश्मन नम्बर एक पाकिस्तान और चीन करते हैं?
आप इतना तो सोच ही सकते हैं
भारत का भला कौन चाहता है?
आप खुद बताइए भारत की सीमाओं को लुटने देने वाले या
भारत की सीमाओं को मजबूत बनाने वाले?
आपको शायद यह भी बात पता होगी कि जो कश्मीर नानासूर बनकर
आज सैकड़ों भारतीयों की जान ले चुका है वह कतई ऐसा मामला था ही नहीं कि
उसे संयुक्त राष्ट्र संघ तक ले जाया जाता
लेकिन चूंकि भारत का भला चाहने वाले नकली थे
इस लिए सारा भारत भारत का भला न चाहने वालों की करतूतों की सजा भोग रहे हैं।
भारत का भला कौन चाहता है?
अपनी जाति की कुकुरमुत्तों की तरह दुकान खोलने
वाले या वह लोग जो जाति धर्म की बजाय राष्ट्रीयता को बढ़ावा देते हैं?
देश विरोधी कुनबा क्या देश का भला कर सकता है?
आप खुद बताइए केरल और बंगाल में भारत के विरोधी लोगों की सेवा कौन कर रहा है?
देश का भला चाहने वाले या जाति और मजहब की दूकानों में देश की बर्बादी को बेचने वाले?
भारत का भला कौन चाहता है?
आप खुद बताइए देश का भला कौन चाहता है?
वह लोग जो राजनीतिक दलों को अपने घर की खेती समझते हैं या
वह लोग जो राजनीति को देश की सेवा का केंद्र समझते हैं?
आप खुद बताइए देश का भला कौन चाहता है?
देश की जनता के साथ पार्टी पार्टी खेलने वाले तथा अपने बीवी बच्चों ही नहीं
पूरे कुनबे को राजनीति का माहिर और शातिर दुष्टात्मा बनाने वाले या
खुद को ही देश सेवा में झोंक कर किसी दूसरे काबिल को भी मौका देने वाले?
भारत का भला कौन चाहता है अपनी सात पीढ़ी के लिए
भारत की जनता की निधि से घोटाला करके धन बनाने वाले या
देश की जनता का धन लूटकर भागने वालों को
पकड़कर देश की अदालत और अदालत के कटघरे में खड़ा करने वाले?
भारत का भला कौन चाहता है?
देश की जनता की आंखों में धूल झोंक कर अपने कुनबे का एनकेनप्रकारेण भला चाहने वाले
या देश सेवा के लिए अपने ही मांबाप भाई बहनों को त्याग कर
पूरे देश को अपना घर द्वारऔर अपना ही परिवार समझने वाले?
आप खुद बताइए भारत का भला कौन चााहता है?
देश के धन का बंदरबांट करके पतुरियों में लुटाने वाले या पतुरियों को
मारमार कर पतुरियों का कचूमर बनाने वाले?
आप खुद ही बताइए क्या सही है?
आप इक्कीसवीं सदी के पढे लिखे और सोचने समझने
की ताकत से भरपूर प्राणी हैं लेकिन मुझे आप पर तरस आता है
जिसकी तारीफ बिल गेट्स और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विश्वसनीय व्यक्तिव करते हैं
उन्हीं को आपके ही देश का एक खिच्ची आदमी यानी जिसका देश धर्म महज जोकर का खेल है
वह उसी हमारे नायक को चोर कहता है
और आप इस चोर की ही बात मानकर चलते हैं जो इस देश का असलियत में नागरिक तक नहीं है।
आप आज तक यह नहीं समझ पाए कि स्वार्थ के लिए चोर चोर मौसेरे भाई आज एक हो रहे हैं
और आप उन्हीं चोर चकार लोगों की लूट की योजना को सफल बना रहे हैं।
देश की जनता को आज यह बात बड़ी ही सिद्दत से सोचने की जरूरत है कि
भारत का भला कौन चाहता है?
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