भिखारियों को काम पर लगाएगी योगी सरकार, वसूलेंगे यूजर चार्ज, प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी
लखनऊ शहर के हर ट्रैफिक सिग्नल और सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वालों के खिलाफ नगर निगम अब सख्ती करेगा। इन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा।
दरअसल, भिखारियों को लेकर मुख्यमंत्री नाराज हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक बार फिर शासन ने आदेश जारी किया है। ऐसे में नगर निगम पहली बार शहर के सभी आठों जोन में भीख मांगने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगा। इसे लेकर नगर आयुक्त ने आदेश भी जारी कर दिया है।
नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि सभी जोनल अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है कि वे अपने जोन में ट्रैफिक सिग्नलों और सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वालों पर कार्रवाई करें। वैसे अभी तक भिखारियों से संबंधित काम समाज कल्याण विभाग करता था। वही इनके लिए भिक्षुक गृह बनवाता था।
अब शासन ने आदेश दिया है तो नगर निगम इस पर काम करेगा। नगर आयुक्त ने बताया कि भिखारियों को शेल्टर होम में रखा जाएगा। अभी ये सड़क या फुटपाथ पर सोते हैं। नगर निगम ने तकरोही में एक शेल्टर होम भिखारियों के लिए काम करने वाली संस्था को चलाने के लिए दिया है। यहां भिखारियों को रखा जा रहा है।
रोजगार से जोड़ा जाएगा, मिलेगी प्रोत्साहन राशि
नगर आयुक्त ने बताया कि जो भिखारी शेल्टर होम लाए जाएंगे, उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा। कचरा प्रबंधन का काम करने वाली एजेंसी इकोग्रीन के पास कर्मचारी कम हैं। ऐसे में जो भिखारी मिलेंगे, उन्हें डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के एवज में लिए जाने वाले यूजर चार्ज की वसूली में लगाया जाएगा। वे जो वसूली करेंगे, उनमें से उन्हें दस से बीस प्रतिशत तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
आसान नहीं भिखारियों की राह बदलना
हजरतगंज चौराहे पर लालबत्ती के समय आपको छोटे बच्चे गाड़ी का शीशा साफ कर पैसा मांगते और कुछ विकलांग पैसा मांगते रोज दिख जाएंगे। हनुमान सेतु मंदिर, चारबाग रेलवे स्टेशन, खानपान की प्रमुख दुकानों और रेस्टोरेंट के पास यह नजारा आम है। दिनभर में भिखारी खूब कमाई करते हैं। कई बार इनके पास से काफी पैसा मिलने की खबरें भी आती है। ऐसे में भिखारियों को शेल्टर होम में रखकर रोजगार में लगाना आसान नही है। नगर आयुक्त भी मानते हैं कि यह बदलाव करना आसान नहीं है, मगर प्रयास किया जाएगा।