मगहर/संतकबीरनगर के कबीर चौरा पर खिचड़ी मेले की तैयारी शुरू, झूले बने आकर्षण का केंद्र, सजने लगीं दुकानें

संतकबीरनगर/मगहर| सद्गुरु कबीर की निर्वाण स्थली मगहर के कबीर चौरा परिसर में मकर संक्रांति (खिचड़ी) के पर्व को देखते हुए अभी से दुकाने सजने लगी हैं। झूले, खजले, बिसाते की दुकानें सज गई हैं। कबीर की समाधि व मजार के दर्शन के लिए श्रद्धालु आने लगे हैं।
कबीर स्थली पर रविवार से मेले की तैयारी शुरू हो गई। इस दौरान खजले, बिसाते की दुकानों के सजने के साथ ही झूले भी लगने लगे हैं। महंत विचारदास ने बताया कि खिचड़ी साधू संतों का आहार है। भक्त गोरखनाथ साहेब, कबीर साहेब, गोविंद साहेब, जैन मुनि साहेब को खिचड़ी चढ़ाते हैं।
क्या कहते हैं दुकानदार… जानिए
झूले की दुकान लगाने वाले बहराइच निवासी अख्तर, इलाहाबाद निवासी अकबाल अहमद उर्फ बाले, खजले की दुकान लगाने वाले महिपाल सिंह, बिसाते की दुकान लगाने वाले बिहार प्रांत के मजहर, बहराइच निवासी इस्माइल, सुभानल्लाह, राकेश चौरसिया व मनोरंजन के लिए काला जादू लगाने वाले कानपुर निवासी हरि कटियार आदि का कहना है कि वह लोग पिछले 30 सालों से मगहर महोत्सव में इस उम्मीद से आते हैं कि सूफी संत कबीर के दर्शन के साथ ही रोजी रोटी भी कमा लेंगे लेकिन इस वर्ष आने पर पता चला कि महोत्सव का आयोजन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि खिचड़ी मेले में आमदनी की उम्मीद है।
महोत्सव के आयोजन के लिए सीएम को लिखा पत्र
मगहर महोत्सव का आयोजन न होने तथा महोत्सव का धन बनारस महोत्सव में मर्ज करने से नाराज समाज सेवी मुजीबुर्रहमान ने स्थानीय लोगों के हस्ताक्षरयुक्त मांग पत्र मुख्यमंत्री को लिखकर मगहर महोत्सव का आयोजन कराने की मांग की है।
मांग पत्र में कहा गया है कि मगहर महोत्सव का आयोजन न होकर नगरवासियों, कबीर पंथियों की आस्था के प्रति खिलवाड़ है। शासन द्वारा मगहर महोत्सव के धन को वाराणसी में कबीर के ऊपर होने वाले कार्यक्रमों में मर्ज करने से लोग आहत हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मगहर की महत्ता को देखते हुए मगहर महोत्सव का बजट अन्यत्र हस्तांतरण पर रोक लगे के साथ ही मगहर महोत्सव के आयोजन के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाए।