महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार मांगने पर सऊदी महिला को 6 साल जेल

हाइलाइट्स:
- सऊदी अरब की मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता को को 6 साल के लिए जेल में डाला गया
- लुजैन अल-हथलौल ने महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिए जाने के लिए संघर्ष किया था
- लुजैन को आतंकवाद के खिलाफ बनाए गए कानून के तहत छह वर्ष जेल की सजा सुनाई गई
नई दिल्ली|सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिए जाने के लिए संघर्ष करने वाली देश की मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता को लुजैन अल-हथलौल को 6 साल के लिए जेल में डाल दिया गया है। लुजैन को कथित तौर पर आतंकवाद के खिलाफ बनाए गए कानून के तहत सोमवार को करीब छह वर्ष जेल की सजा सुनाई गई। सरकारी मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है।
सऊदी अरब में महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली लुजैन अल-हथलौल पिछले करीब ढाई वर्ष से जेल में हैं, जिसकी आलोचना कई दक्षिणपंथी समूह ओर अमेरिकी सांसदों समेत यूरोपी संघ के सांसद भी कर चुके हैं। अल-हथलौल उन चंद सऊदी महिलाओं में शुमार थीं, जिन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति देने और ‘पुरुष अभिभावक कानून’ को हटाने की मांग उठाई थी जोकि महिलाओं के स्वतंत्रतापूर्वक आने-जाने के अधिकारों का अतिक्रमण था।
साम्राज्य के हितों, राजनीतिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप
सरकारी मीडिया के मुताबिक, आतंकवाद-रोधी अदालत ने अल-हथलौल को विभिन्न आरोपों में दोषी पाया, जिनमें बदलाव के लिए आंदोलन, विदेशी अजेंडा चलाना, लोक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का उपयोग आदि शामिल हैं। इसके अलावा अदालत ने अल-हथलौल को उन व्यक्तियों एवं प्रतिष्ठानों का सहयोग करने का भी दोषी ठहराया, जिन्होंने आतंकवाद-रोधी कानून के तहत अपराध किया। महिला अधिकार कार्यकर्ता के पास फैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय है।
सऊदी अरब में महिला अधिकार कार्यकर्ता को छह साल की जेल
अल-हथलौल की गिनती महिलाओं को वाहन चलाने की अनुमति देने और ‘पुरुष अभिभावक कानून’ हटाने की मांग करनेवालों में होती थी. उनका मानना था कि इससे महिलाओं के स्वतंत्रतापूर्वक आने-जाने के अधिकारों का अतिक्रमण हो रहा है. सरकारी मीडिया ने बताया कि आतंकवाद-रोधी अदालत ने अल-हथलौल को विभिन्न आरोपों में दोषी पाया, जिनमें बदलाव के लिए आंदोलन, विदेशी एजेंडा चलाना, लोक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का उपयोग आदि शामिल हैं.
महिलाओं के ड्राइविंग पर बैन को हटाने की मांग करने पर लुजैन और अन्य लोगों को सबसे पहले मई 2018 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता पर विदेशी राजनयिकों, पत्रकारों और मानवाधिकार संगठनों के साथ संवाद करके और महिलाओं के अधिकारों के लिए दबाव डालकर साम्राज्य के हितों और उसके राजनीतिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था। जज ने उनकी सजा को दो साल और 10 महीने पहले ही कम कर दिया है जो वह पहले ही हिरासत में काट चुकी हैं।