मिशन चन्द्रयान 2: चांद पर उतरने के लिए आखिरी कक्षा में पहुंचा चंद्रयान 2
बेंगलुरु: भारत के महात्वाकांक्षी स्पेस मिशन चंद्रयान 2 स्पेसक्राफ्ट ने बुधवार सुबह चांद की एक और निचली कक्षा में प्रवेश कर लिया है। यह जानकारी इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन ने बुधवार तड़के दी। चंद्रयान 2 ने बुधवार सुबह 3:42 बजे इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक किया। इसके साथ ही विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने के लिए जरूरी कक्षा को हासिल कर लिया गया है।
सफलतापूर्वक हासिल की दूसरी कक्षा:-
इसरो ने जानकारी दी कि चंद्रयान 2 को चांद की निचली कक्षा में भेजने का दूसरा ऑपरेशन बुधवार, 4 सितंबर, 2019 को सुबह 3:42 पर जैसे प्लान किया गया था, उसी के मुताबिक सफलतापूर्वक किया गया। इसके लिए ऑनबोर्ड प्रोपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। यह ऑपरेशन 9 सेकंड का था। इसके बाद अब लैंडर चांद पर उतरने के लिए जरूरी कक्षा में पहुंच गया है।
#ISRO
The second de-orbiting maneuver for #Chandrayaan spacecraft was performed successfully today (September 04, 2019) beginning at 0342 hrs IST.For details please see https://t.co/GiKDS6CmxE
— ISRO (@isro) September 3, 2019
हासिल की जरूरी कक्षा:-
इस ऑपरेशन के बाद विक्रम लैंडर की कक्षा 35 किमी X 101 किमी की है और ऑर्बिटर चांद की 96 किमी X 125 किमी कक्षा में चक्कर काट रहा है। इसरो ने बताया है कि ऑर्बिटर और लैंडर दोनों अच्छी हालत में हैं। इस ऑपरेशन के साथ ही विक्रम लैंडर उस कक्षा में पहुंच गया है जो उसके चांद पर उतरने के लिए अनुकूल है। गौरतलब है कि चांद पर लैंडिंग 7 सितंबर को होनी है।
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The first de-orbit maneuver for #VikramLander of #Chandrayaan2 spacecraft was performed successfully today (September 03, 2019) at 0850 hrs IST.For details please visit https://t.co/K5dS113UJL
Here's view of Control Centre at ISTRAC, Bengaluru pic.twitter.com/Ddeo2URPg5
— ISRO (@isro) September 3, 2019
चंद्रमा से धरती की वास्तविक दूरी पता चलेगी
इससे पहले, चंद्रयान-2 ने सोमवार को एक अहम पड़ाव पार किया था जब दोपहर करीब 1:15 बजे इस यान से विक्रम नाम का लैंडर अलग हो गया। इसी लैंडर को 6 और 7 सितंबर की रात चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना है, जिसके सतह छूते ही वैज्ञानिकों को चंद्रमा से धरती की वास्तविक दूरी पता चल जाएगी, जो अभी तक पहेली बनी हुई है।
7 सितंबर को चांद पर उतरेगा चंद्रयान:-
इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 से लैंडर के अलग होने की तुलना उस बेटी से की है, जो मायके से ससुराल की ओर निकल चुकी है। पीछे रह गया ऑर्बिटर चांद का एक साल तक चक्कर लगाएगा। लॉन्चिंग के बाद 23 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में घूमते रहने के बाद चंद्रयान-2 ने 14 अगस्त को चांद की यात्रा शुरू की थी।
याद रहे कि 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रायन- 2 की लॉन्चिंग हुई थी, जिसके 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने की संभावना है।
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Vikram Lander Successfully separates from #Chandrayaan2 Orbiter today (September 02, 2019) at 1315 hrs IST.For details please visit https://t.co/mSgp79R8YP pic.twitter.com/jP7kIwuZxH
— ISRO (@isro) September 2, 2019
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