यूपी के बस्ती जिले में बीएसपी के पूर्व सांसद लालमणि ने अपनी पार्टी से दिया इस्तीफा
बस्ती: बीएसपी मुखिया मायावती से उनके पार्टी के नेताओं का मनमुटाव खुलकर सामने आने लगा है। राजस्थान में बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के बाद अब यूपी में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले लालमणि प्रसाद ने मायावती के कामकाज की शैली पर सवाल उठाते हुए उनकी आलोचना की है। पार्टी का दामन छोड़ने वाले लालमणि बीते चुनावो में बिहार और झारखंड के प्रभारी भी रह चुके है।बीएसपी के पूर्व सांसद लालमणि ने गुरुवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इस राजनीतिक फैसले की जानकारी दी है। हालांकि लालमणि ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद नई पार्टी जॉइन करने का कोई संकेत नही दिया है। माना जा रहा है कि लालमणि के इस्तीफे के बाद इस क्षेत्र के कई और नेता भी बीएसपी छोड़ सकते हैं।
लालमणि पहली बार 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में हैंसर बाजार विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और विजयी घोषित हुए। वर्ष 1996 के मध्यावधि चुनाव में जनता ने दोबारा क्षेत्र का विधायक चुना। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बस्ती से प्रत्याशी बनाया और एक बार फिर निर्वाचित हुए। वर्ष 2009 के चुनाव में पार्टी ने चेहरा बदल दिया। इस चुनाव में पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी के भतीजे अरविंद चौधरी को टिकट मिल गया और वह विजयी हो गए, तब से लालमणि लगातार बसपा के संगठनात्मक कार्यो में ही लगे रहे।
अपने इस्तीफे के बाद मीडिया से बात करते हुए लालमणि ने कहा कि मौजूदा समय में वह बीएसपी की रीतियों और नीतियों से सहमत नही हैं। उन्होंने कहा कि मायावती की पार्टी बाबा साहब और कांशीराम के मूवमेंट से भटक गई है, इसी कारण उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।