वाराणसी से गोरखपुर गेल की गैस पाइप लाइन डालने का काम पूरा
वाराणसी से गोरखपुर खाद कारखाने तक प्राकृतिक गैस पहुंचाने के लिए गैस अथॉरिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने पाइप लाइन डालने का काम पूरा कर लिया है। 30 जून तक गेल अब खाद कारखाने तक प्राकृतिक गैस की आपूर्ति शुरू करने की स्थिति में आ जाएगी। इस पाइप लाइन के लिए उपभोक्ता गुजरात की कंपनी टोरेंट गैस प्राइवेट लिमिटेड अभी गैस लेने के लिए स्वयं को परियोजना के स्तर पर तैयार नहीं पर सकी है। लिहाजा गेल पाइप लाइन में प्राकृतिक गैस की बजाए पाइप लाइन की सुरक्षा के लिए नाइट्रोजन गैस (इनेट गैस) डालेगी।
निर्माणाधीन खाद कारखाने (एचयूआरएल) को प्राकृतिक गैस से चलाया जाना है। दिसंबर 2020 में शुरू होने वाले इस कारखाने को वाराणसी से प्राकृतिक गैस की आपूर्ति होनी है। इसके लिए पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। 18 इंच की गैस पाइप लाइन और 6 इंच की पाइप लाइन में कम्युनिकेशन के लिए ओएफसी केबल डालने का काम भी पूर्ण हो गया है। पाइप लाइन का लीकेज चेक करने के लिए हाइड्रो टेस्टिंग की प्रक्रिया पहले ही पूर्ण हो चुकी है।
प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रानिक ज्योमेट्रिक पिग (ईजीपी) के बाद अगले सप्ताह वैक्यूम ड्राइंग की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। उसके बाद जून के आखिरी सप्ताह में नाइट्रोजन गैस (इनेट गैस) डाल दी जाएगी। नाइट्रोजन गैस के कारण पाइप लाइन में मास्चर और जंग लगने की संभावना नहीं रहेगी। अधिकारियों का कहना है कि डिस्पैच इंटरमीडिएट फीलिंग स्टेशन (डीआईपी) वाराणसी, आईपी (इंटरमीडिएट स्टेशन) आजमगढ़ एवं रिसिविंग इंटरमीडिएट स्टेशन (आरआईपी) गोरखपुर एचआरयूएल का निर्माण किया जा रहा है।
गैस लेने के लिए टोरेंट का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं
गुजरात की गैस कंपनी टोरेंट गैस प्राइवेट लिमिटेड को गोरखपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बाराबंकी, गोंडा में सिटी गैस नेटवर्क के अंतर्गत सीएनजी और पीएनजी की सेवाएं प्रदान करने के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान की है। टोरेंट ने सिटी गैस नेटवर्क के तहत गोरखपुर में दो सीएनजी स्टेशन शुरू कर दिए हैं। लेकिन टोरेंट इसके लिए अभी तैयार नहीं है कि वह गेल की पाइप लाइन से प्राकृतिक गैस ले सके। टोरेंट को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए एमओयू पहले ही हस्ताक्षर हो चुका है लेकिन गेल के साथ कीमतों को लेकर करार की प्रक्रिया भी अभी पूर्ण नहीं है।
‘‘गेल की पाइप लाइन का मुख्य उपभोक्ता एचयूआरएल है। हमें तो सितम्बर में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने काम दिया। जिसकी गाइड लाइन के मुताबिक काम समय से चल रहा है। कामर्शियल करार की प्रक्रिया होनी हैं। कोई तारीख नहीं बना पाएंगे।’’
अजय बहादुर सिंह, मैनेजर टोरेंस गैस प्राइवेट लिमिटेड गोरखपुर
166.35 किलोमीटर लम्बी पाइपलाइन है गोरखपुर से वाराणसी के बीच
18 इंच की पाइप लानी गई है प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए
06 इंच की पाइप लाइन डाली गई है ओएफसी केबिल के लिए।