संतकबीरनगर: 100 रूपए के विवाद में व्यक्ति की हत्या

संतकबीरनगर। कोतवाली क्षेत्र के चौरी गांव निवासी चचेरे भाइयों ने आमी नदी के अजगईबा घाट से दो दिन पहले मछली पकड़ी थी। इसकी बिक्री चाचा ने की थी। उससे मिली रकम 100 रुपये की हिस्सेदारी को लेकर विवाद बढ़ा। गुस्से में भतीजे ने एक लाठी वृद्ध चाचा के सिर पर मार दिया था। इससे चाचा की मौत हो गई और भतीजा कातिल बन गया।
पोस्टमार्टम हाउस पर आए पीड़ित मां-बेटे ने घटना की कहानी बताते हुए फफक पड़े। चौरी गांव निवासी 65 वर्षीय सैयद अली का सबसे छोटा 16 वर्षीय बेटा अली हसन उर्फ मूसे और 20 वर्षीय भतीजा लियाकत पुत्र असगर अली मंगलवार को आमी नदी के अजईयबा घाट से मछली पकड़ी थी। इसमें गांव के एक अन्य युवक ने भी सहयोग किया था। मछली को 150 रुपये में बेच दी। उसके बाद तीनों ने आपस में 50-50 रुपये बांट लिया।
सैयद अली की पत्नी हसीना खातून ने बताया कि उसका छोटा बेटा अली हसन उर्फ मूसे दो दिन पहले भी आमी नदी में मछली पकड़ने गया था। बेटे के साथ भतीजा लियाकत भी था, लेकिन उसका मछली पकड़वाने में कोई योगदान नहीं था। बेटे के जरिए पकड़ कर घर लाई गई मछली को पति सैयद अली ने 200 रुपये में बेच दी थी। मंगलवार की शाम उसी रकम में हिस्सेदारी के रूप में 100 रुपये भतीजा लियाकत मांग रहा था। इसे लेकर बेटे और भतीजे में तकरार बढ़ गई। बीच-बचाव करने वह पहुंची तो उसे और बेटे को लिकायत ने पकड़ लिया। बाद में पति सैयद पहुंच गए।
भतीजे लिकायत ने पति के सिर को निशाना बनाते हुए एक लाठी मार दिया। पति घायल होकर गिर पड़े। एंबुलेंस से घायल पति को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। छोटे बेटे मूसे के साथ हसीना खातून पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंची थी और पति की मौत पर बिलख रही थी। उसने बताया कि चार बेटे और एक विवाहिता बेटी है।
बड़ा बेटा हनीफ कोलकाता में कोयलरी में काम करता है। जबकि दो बेटे सलीम और रफीक पुणे में टाइल्स लगाने का काम करते हैं। घर पर वह, पति और छोटा बेटा मूसे रहते थे। कोतवाल मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि आरोपी लियाकत अली पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।