ह्यूस्टन में मोदी-ट्रम्प की मौजूदगी दुनिया को हमारी कामयाब कूटनीति का संदेश दे रही
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 दिन (21-27 सितंबर) के दौरे पर अमेरिका में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ ह्यूस्टन में भारतीय समुदाय को उनका संबोधित करना कई मायने में अहमियत रखता है। मोदी अमेरिका में करीब 20 द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करेंगे। इसे लेकर भास्कर APP ने विदेश मामलों के एक्सपर्ट रहीस सिंह से बात की। उनका कहना है किह्यूस्टन में मोदी-ट्रम्प की मौजूदगी से दुनिया में हमारी कामयाब कूटनीति का संदेश गया है।
Ramesh Modi, a man dressed up like Mahatma Gandhi at #HowdyModi event says,''Modi aur Gandhi ek hi hain, these are saints, fakirs. Gandhi was a fakir, same nature exactly. Welcome Modi to the town here.'' pic.twitter.com/hxNLH6O8TB
— ANI (@ANI) September 22, 2019
‘दुनियाभर में इस वक्त राष्ट्रवाद की लहर’
‘‘इस समय दुनिया में नेशनलिस्ट पॉलिटिक्स ऑफ अप्रोच (राष्ट्रवादी राजनीति) देखी जा रही है, उसके पैरोकार के रूप में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नाम सामने आते हैं। इन सभी की राजनीति की प्रकृति कमोबेश एक जैसी है। लिहाजा ये सभी एक-दूसरे के करीब आएंगे।’’
‘मोदी को फॉलो करते हैं ट्रम्प’
‘‘दुनिया का कोई नेता इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि मोदी ने अपने दूसरे चुनाव में पहले की अपेक्षा ज्यादा बहुमत हासिल किया। ट्रम्प हमेशा से उन नेताओं के मुरीद रहे हैं, जिन्होंने जनता के बीच करिश्मा कायम रखा। ओसाका (जापान) में जी-20 समिट के दौरान ट्रम्प ने कहा भी था कि मैं मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित रहता हूं। जब भी उनसे (मोदी से) मिलता हूं तो ऊर्जा प्राप्त करता हूं। इससे लगता है कि ट्रम्प मोदी की पर्सनैलिटी को फॉलो करते हैं।’’
#WATCH Prime Minister Narendra Modi arrives on stage at NRG stadium in Houston, he will address the gathering shortly. #HowdyModi pic.twitter.com/qhsbQr6Dtx
— ANI (@ANI) September 22, 2019
‘भारतवंशी मोदी को रॉकस्टार जैसा दिखाना चाहते हैं’
‘‘2016 के राष्ट्रपति चुनाव में देखा गया कि ज्यादातर भारतीय-अमेरिकी ट्रम्प के पक्ष में देखे गए। भारतवंशियों की ट्रम्प को जिताने के लिए हवन-पूजा करती तस्वीरें सामने आई थीं। अब मोदी ह्यूस्टन में ट्रम्प के साथ भारतीय समुदाय के बीच पहुंचे। ह्यूस्टन का हाउडी मोदी कार्यक्रम न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वेयर (2014) के प्रोग्राम से अलग है। न्यूयॉर्क का कार्यक्रम भारतवंशियों से मुलाकात का कह सकते हैं।’’
United States Congressional delegation arrives on stage at the #HowdyModi event in Houston pic.twitter.com/LJJt6lwRvl
— ANI (@ANI) September 22, 2019
‘‘तब अमेरिका में रहने वाले भारतीय अमेरिकी चाहते थे कि उनका (भारत का) नेता उनसे मिले। अटल बिहारी वाजपेयी के समय यह परंपरा (अमेरिका के भारतवंशियों से मिलने की) शुरू हुई थी, लेकिन बाद में कमजोर पड़ती गई। अब जो भारतीय हैं, वे मोदी यानी भारत के सबसे बड़े नेता को दुनिया के सामने रॉकस्टार की तरह दिखाना चाहते हैं। 60 हजार लोगों ने मोदी के कार्यक्रम (हाउडी मोदी) के लिए बुकिंग करा ली है। हम अंदाजा लगा सकते हैं कि 60 हजार का मेंडेट कहां तक जाएगा।’’
US President Donald Trump and Prime Minister Narendra Modi meet at NRG stadium in Houston. #HowdyModi pic.twitter.com/kSddO6VQzI
— ANI (@ANI) September 22, 2019
‘अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी वैश्विक नेता के रूप में सामने आए’
‘‘ट्रम्प को दो उद्देश्य पूरे करने हैं। पहला- उन्हें दिखाना है कि वे प्रो-मोदी हैं। दूसरा- इस एटीट्यूड को आगे चलकर उन्हें अपने वोट में बदलना है। यही वजह है कि ट्रम्प भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में मोदी के साथ चेयर शेयर कर रहे हैं।’’
‘‘5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी- अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मामले की असलियत समझाना। क्योंकि पाकिस्तान ने कश्मीर को दुनिया में मानवाधिकार हनन का प्रोपैगेंडा बना रखा था। अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद आज भारत विजेता की स्थिति में है। अरब देश, यूरोपीय यूनियन (ईयू), अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन सभी भारत के साथ खड़े नजर आते हैं। अब मोदी का अमेरिका दौरा भारत के नेता के तौर पर नहीं, बल्कि भारत को डिप्लोमैटिक विक्टोरियस नेशन (देश को कूटनीतिक जीत दिलाने वाले) बनाने वाले नेता के तौर पर हो रहा है। इसे भारत की लीडरशिप के अलग डाइमेंशन के तौर पर देखा जा सकता है। यहां से मोदी का संदेश विशेषतौर पर सुना जाएगा। अब वह भाषण के रूप में न होकर एक मैसेज के तौर पर होगा।’’
Thank you Houston for such amazing affection! #HowdyModi pic.twitter.com/xlbWsMVkae
— PMO India (@PMOIndia) September 22, 2019
‘पाक के हुक्मरानों पर सेना हावी’
‘‘पाकिस्तान की दिक्कत उसकी आंतरिक राजनीति है। पाकिस्तान भारत के विरोध पर जिंदा है। पाकिस्तान ने अब तक कोई सकारात्मक काम तो किए नहीं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाक ने जिस भी देश से समर्थन पाने की कोशिश की, उसे हर जगह मुंह की खानी पड़ी। यहां तक कि ट्रम्प ने इमरान खान को कह दिया कि मोदी की आलोचना न करें। सऊदी अरब ने भी इस मुद्दे पर समर्थन से इनकार कर दिया। पाक के करीबी समझे जाने वाले चीन ने भी कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बता दिया। दरअसल, पाक की राजनीति स्वतंत्र नहीं है, उस पर सेना हावी है। वे (सरकार) चाहते हैं कि कट्टरपंथ और भारत विरोधी मिजाज को खुश रखकर प्रोपेगैंडा चलाते रहें।’’
Look forward to being with our great India loving community! https://t.co/RldaoFw0Uc
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 22, 2019