बस्ती: एसडीएम प्रेमप्रकाश मीणा की कार्यशैली से खफा वकीलों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को भी चला। कार्य से विरत रह कर अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। एक फरियादी द्वारा एसडीएम के पक्ष में नारेबाजी किए जाने से नाराज अधिवक्ताओं ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस ने फरियादी को अधिवक्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर अस्पताल पहुंचाया।
13 नवंबर को एक अधिवक्ता के पिता की मौत पर शोक को लेकर अधिवक्ता और एसडीएम आमने-सामने हैं। वकीलों ने न्यायालय का बहिष्कार किया है। इधर एसडीएम ने सीधे दोनों पक्षों को सुन कर मुकदमों के निस्तारण का काम शुरू कर दिया है। इससे अधिवक्ताओं का गुस्सा और भड़क गया है। सुबह ग्राम मदनापुर थाना पैकोलिया निवासी सरयू प्रसाद पुत्र जमुना पहुंचे और जब वकील एसडीएम मुर्दाबाद का नारा लगा रहे थे तो वह एसडीएम जिदाबाद का नारा लगाने लगे।
बार के अध्यक्ष उमाकांत तिवारी का कहना है कि शोक प्रस्ताव एसडीएम को दिया गया। जिसे उन्होंने एक अधिवक्ता के सामने फाड़कर फेंक दिया। शोक भी नही किया। अब वकीलों के बहिष्कार के बाद भी कोर्ट कर तमाम मामले बिना वाजिब सुनवाई के खारिज कर रहे है। फरियादी को वकीलों ने नहीं आम लोगों ने पीटा है। एसडीएम मीणा ने बताया कि तीन वर्ष में यहां महज 27 दिन न्यायिक कार्य हुए है। अब सप्ताह में 3 से 4 दिन अदालत चला कर लंबित वादों का तेजी से निस्तारण हो रहा है। मेरा प्रयास है कि न्याय के लिए भटक रहे लोगों को त्वरित न्याय मिले तो यह बात अधिवक्ताओं को नागवार लग रही है। विरोध का दूसरा कोई कारण नहीं। फरियादियों से कोई मारपीट करेगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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