BJP विधायक राकेश सिंह बघेल के साथ ही सीएमओ के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज करने का आदेश

संतकबीरनगर |कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट को लेकर फर्जीवाड़े में भारतीय जनता पार्टी के विधायक का भी नाम आ गया है। संतकबीर नगर के मेहदावल से विधायक राकेश सिंह बघेल ने पेशी से बचने के लिए कोरोना वायरस संक्रमण की फर्जी रिपोर्ट बनवाई थी। अब उनके खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
संतकबीर नगर में एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दीपकांत मणि ने राकेश सिंह बघेल के साथ ही सीएमओ डॉक्टर हर गोविंद सिंह के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोतवाली खलीलाबाद को केस दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट में अदालत में पेशी से बचने के लिए कोरोना की झूठी रिपोर्ट बनवाने वाले भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल मुश्किल में फंस गए हैं। मेहदावल से विधायक राकेश सिंह बघेल ने यहां पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के साथ मिलकर अपनी कोरोना वायरस संक्रमण की झूठी रिपोर्ट बनवाई और इसे कोर्ट में पेश किया।
भाजपा विधायक के खिलाफ 2010 में लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम व अन्य गंभीर धाराओं में बखिरा थाने में केस दर्ज हुआ था। तब से यह मामला कोर्ट में चल रहा है। इस केस में कई बार पत्र जारी होने के बाद भी आरोपी विधायक बीते चार वर्ष से कोर्ट में पेश नहीं हुए है। इसके पेश ना होने के कारण मुकदमे की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ रही थी। इस दौरान पेशी से बचने के लिए उन्होंने नया पैंतरा अपनाया था। कोर्ट ने विधायक को व्यक्तिगत रुप से पेश होने का आदेश था, लेकिन उनके वकील ने 9 अक्टूबर को विधायक के कोरोना पॉजिटिव होने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया था। इस रिपोर्ट में विधायक राकेश सिंह को होम आइसोलेशन में रहने के लिए भी कहा गया था।
क्या है मामला –
लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम व अन्य गंभीर धाराओं में पहली बार 2010 में बखिरा थाना में राकेश सिंह बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपपत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया था। न्यायालय में विचाराधीन केस में विधायक राकेश सिंह बघेल उपस्थित नहीं हो रहे थे। इस कारण लगभग नौ वर्ष से मुकदमे में कार्यवाही आगे नही बढ़ पा रही थी। कोर्ट के द्वारा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश करने पर भी न्यायालय में विधायक उपस्थित नहीं हुए और स्वयं को कोविड-19 से संक्रमित होने की बात कही थी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल किया गया कि विधायक ने कोविड-19 का टेस्ट कराया था और वह पॉजिटिव पाए गए थे और होम आइसोलेशन पर हैं।
डा. विवेक कुमार श्रीवास्तव ने जाच में बताया कि होम आइसोलेशन अवधि में विधायक राकेश सिंह बघेल अपने घर पर मौजूद नहीं थे। न्यायालय का मानना है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा आरोपित विधायक के आइसोलेशन में मौजूद नहीं होने की जानकारी प्राप्त होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दीपकात मणि ने सीएमओ डॉ. हरगोविंद सिंह व मेंहदावल के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार पाण्डेय ने बताया ने बताया की कोर्ट के आदेश पर विधायक व सीएमओ के खिलाफ मुकदमा कायम कर जांच की जा रही है।