UP:गरीबों-किसानों की समस्याओं को दूर करता नहीं दिख रहा बजट; मायावती

लखनऊ |बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को देश में पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस की बढ़ती क़ीमतों पर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा है कि महंगाई से त्रस्त जनता को सताना सर्वथा अनुचित है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा ”देश में पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में अनावश्यक ही अनवरत वृद्धि करके कोरोना प्रकोप, बेरोजगारी व महंगाई आदि से त्रस्त जनता को सताना सर्वथा गलत व अनुचित है।” उन्होंने कहा ” इस जानलेवा कर वृद्धि के माध्यम से जनकल्याण के लिए धन जुटाए जाने का सरकार का तर्क कतई उचित नहीं।”
2. केन्द्र व राज्य सरकारें अगर पेट्रोल, डीजल आदि पर कर की लगातार मनमानी वृद्धि करके जनता की जेब पर जो भारी बोझ हर दिन डाल रही हैं उसे तत्काल रोका जाना बहुत ही जरूरी। वास्तव में यही सरकार का देश की करोड़ों गरीब, मेहनतकश जनता व मध्यम वर्ग पर बड़ा एहसान व भारी जनकल्याण होगा। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) February 23, 2021
मायावती ने सिलसिलेवार किए ट्वीट में कहा ” केन्द्र व राज्य सरकारें अगर पेट्रोल, डीजल आदि पर कर की लगातार मनमानी वृद्धि करके जनता की जेब पर जो भारी बोझ हर दिन डाल रही हैं उसे तत्काल रोका जाना बहुत ही जरूरी है। वास्तव में यही सरकार का देश की गरीब, मेहनतकश जनता व मध्यम वर्ग पर बड़ा एहसान व भारी जनकल्याण होगा।”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूपी की 23 करोड़ जनता के लिए पेश किया गया प्रदेश सरकार का बजट संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद जनता से किए वादे के अनुसार बजट नहीं है। खासतौर पर गरीबों, कमजोर वर्गों व किसानों की समस्याओं को ये बजट दूर करता नहीं दिख रहा।
2. यूपी की लगभग 23 करोड़ जनता के विकास की लालसा की तृप्ति के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड केन्द्र व यूपी में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी वायदे के अनुसार संतोषजनक नहीं रहा। खासकर गरीबों, कमजोर वर्गों व किसानों की समस्याओं के मामले में भी यूपी का बजट अति-निराशाजनक।
— Mayawati (@Mayawati) February 22, 2021
मायावती ने बजट पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की तरह यूपी सरकार का बजट भी बेरोजगारी दूर करने के मामले में अति निराशाजनक है। केंद्र की तरह यूपी के बजट में भी जनता को वादे और हसीन सपने दिखाने का प्रयास किया गया है।
आमदनी घट रही है, तनख़्वाह कट रही है.
खायें क्या, बचाएं क्या? pic.twitter.com/7qlWvU581W
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 23, 2021
बजट पर अखिलेश यादव ने कसा तंज
वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपी बजट को लेकर योगी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का आखिरी बजट आज पेश हुआ है। यह आखिरी बजट था और इसके बाद मुख्यमंत्री कुछ चाहेंगे तो भी नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि इसके साथ खेल खत्म, पैसा हजम।
पेपरलेस बजट में किसान, मज़दूर, युवा, नारी व कारोबारी
किसी के भी हाथ कुछ न आया, रह गये सबके हाथ खाली।भाजपा का ये ‘विदाई बजट’ सबको रुला गया है। #नहीं_चाहिए_भाजपा
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 22, 2021
गरीब को वही धोखा मिला जो भाजपा पहले दिन से देते आई है
उन्होंने कहा कि यह पैसा भाजपा ने कैसे खत्म किया है, वह हम और आप नहीं समझ पाए। हमें तो उम्मीद थी कि जो बजट आएगा, इसमें गरीब के लिए, किसान के लिए कुछ राहत होगी। लेकिन गरीब को वही धोखा मिला जो भाजपा पहले दिन से देते आई है।
कृषि कानूनों को लेकर साधा निशाना
साथ ही अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों की नहीं, बल्कि उद्योगपतियों की है। कानून किसानों के लिए लाया गया है, लेकिन वह उन्हें नहीं चाहते हैं, ऐसे में कृषकों पर कानूनों को थोपने की क्या जरूरत है?